तरबियत बगिया और फूल
ज़िन्दगी राहें और धूल
तेरा लिखा कायदा-ऐ-अमल
मेरा चाहा सब फ़िज़ूल
कड़वे, पर तासीर मुफीद
तज़ुर्बे सारे नीम बबूल
पहली ग़लती काबिल-ऐ-मुआफ
दोहराई ना जाये कोई भूल
तेरी मर्ज़ी सर आँखों पर
गिले, बेरुख़ी, ख़ता क़ुबूल
अनहद की ज़द से ग़ाफ़िल
महदूद से दीनी मामूल
ज़िन्दगी राहें और धूल
तेरा लिखा कायदा-ऐ-अमल
मेरा चाहा सब फ़िज़ूल
कड़वे, पर तासीर मुफीद
तज़ुर्बे सारे नीम बबूल
पहली ग़लती काबिल-ऐ-मुआफ
दोहराई ना जाये कोई भूल
तेरी मर्ज़ी सर आँखों पर
गिले, बेरुख़ी, ख़ता क़ुबूल
अनहद की ज़द से ग़ाफ़िल
महदूद से दीनी मामूल
तरबियत = Upbringing
कायदा-ऐ-अमल = rules to play by
मुफीद = Beneficial
ग़ाफ़िल = Oblivious
© Copyright @ Taran 2023
Comments
Post a Comment