सब कुछ सुना सुना सा, सब कुछ लिखा हुआ है
मैं क्या करूँ नुमाया, यहाँ क्या छुपा हुआ है
ऑंखें जो पड़ सको तो कुछ है तो ला-ब्यां सा
हाँ लफ्ज़ कह सकें जो वो कह दिया गया है
ज़ाहिर हो यां पौशीदा, हर नज़्म हर सुखन में
तेरी ही बात की है, तुझ से ही कुछ कहा है
देखो तो इक ख़बर है अख़बार की यह सुर्खी
पर दोस्त शर्मनाक है, यह जो हादसा हुआ है
सजदे कहीं जबीं के कहीं तीर्थों के फेरे
समझा नहीं गया वो हाँ पूजा बहुत गया है
लफ़्ज़ों में तेरी झलकें, मिसरों में तेरी थिरकन
अक्सर जो लिखा मैंने तेरा अक्स बन गया है
मैं क्या करूँ नुमाया, यहाँ क्या छुपा हुआ है
ऑंखें जो पड़ सको तो कुछ है तो ला-ब्यां सा
हाँ लफ्ज़ कह सकें जो वो कह दिया गया है
ज़ाहिर हो यां पौशीदा, हर नज़्म हर सुखन में
तेरी ही बात की है, तुझ से ही कुछ कहा है
देखो तो इक ख़बर है अख़बार की यह सुर्खी
पर दोस्त शर्मनाक है, यह जो हादसा हुआ है
सजदे कहीं जबीं के कहीं तीर्थों के फेरे
समझा नहीं गया वो हाँ पूजा बहुत गया है
लफ़्ज़ों में तेरी झलकें, मिसरों में तेरी थिरकन
अक्सर जो लिखा मैंने तेरा अक्स बन गया है
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