इक चेहरा है
और दो आंखें हैं
कुछ उलझी बिखरी सांसें हैं
दो लब हैं जो खामोश से हैं
पर आँखों में सौ बातें हैं
उन आँखों के जो बातें हैं
उन बातों की इक खुशबू है
उस खुशबू का रंग गहरा है
इन सब ने मुझको घेरा है
इन सब का मुझ पर पहरा है
दो लब हैं
और कुछ सांसें हैं
दो ऑंखें हैं
इक चेहरा है
कुछ उलझी बिखरी सांसें हैं
दो लब हैं जो खामोश से हैं
पर आँखों में सौ बातें हैं
उन आँखों के जो बातें हैं
उन बातों की इक खुशबू है
उस खुशबू का रंग गहरा है
इन सब ने मुझको घेरा है
इन सब का मुझ पर पहरा है
दो लब हैं
और कुछ सांसें हैं
दो ऑंखें हैं
इक चेहरा है
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