छोड़ दिया है
अब वक़्त को
दिनों, महीनों और सालों
के टुकड़ो में बांटना
लम्हा लम्हा गिनना
और गिन के काटना
अब सफ़र है
एक एहसास से
दुसरे एहसास तक
एक तजुर्बे से दुसरे तजुर्बे
और एक परवाज़ से
अगली परवाज़ तक
अब वक़्त को
दिनों, महीनों और सालों
के टुकड़ो में बांटना
लम्हा लम्हा गिनना
और गिन के काटना
अब सफ़र है
एक एहसास से
दुसरे एहसास तक
एक तजुर्बे से दुसरे तजुर्बे
और एक परवाज़ से
अगली परवाज़ तक
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